Neet Paper leak केंद्र का दावा- पेपर लीक मामले पर टेलीग्राम वीडियो फर्जी
Neet paper leak; आपको बता दें की बीते कई दिनों से NEET का पेपर लीक मामला सुप्रीम कोर्ट में था। कोर्ट ने NEET पेपर कंडक्ट करने वाली एजेंसी NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ) से जल्द से जल्द इस मामले पर जवाब माँगा था।
10th जुलाई को NTA ने अपने जवाब में कहा है की नीट पेपर लीक का जो मामला है उनमे टेलीग्राम पर पेपर लाइक से जुड़े फर्जी वीडियो भेजे जा रहे हैं। NTA ने वीडियो और फोटोज को फर्जी बताया है।
NTA ने ये भी कहा है की विडिओ और फोटोज के साथ छेड़ छाड़ की गई है।
अब आगे NTA पास हुए अभ्यर्थियों को कौन्सेल्लिंग करवाने के लिए कह रहा है ताकि बच्चों के आगे के प्रोसेस में देरी न हो।
NEET कैंडिडेट्स को क्यों आये एक जैसे मार्क्स
NTA (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) ने NEET UG 2024 पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामें में कहा है की हमने राष्टीय ,राज्य ,और शहर स्तर पर नीट एग्जाम में शामिल हुए अभ्यर्थिओं के अंकों का विश्लेषण किया है।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने कहा हमने अपने विश्लेषण और जाँच में पाया की अंकों का वितरण बहुत सामान्य है।
nta ने कहा की ऐसा कोई करक हमाए सॅमने नहीं आया है जिससे पता चले की अभ्यर्थियों के अंकों पर कोई प्रभाव पड़ेगा।
केंद्र सरकार का बयान, NEET UG में नहीं हुई कोई गड़बड़ी
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने दावा किया है की नीट यूजी २०२४ में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पिछले दो वर्ष के NEET परीक्षा परिणाम के डाटा के वैज्ञानिक परीक्षण के लिए आईआईटी मद्रास से मदद मांगी थी। आईआईटी मद्रास और शिक्षा मंत्रालय ने मिलकर जांच बैठाई जो परिणाम निकला उसी के आधार पर शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर किया गया है।
IIT Madras ने की Neet Paper Leak जांच में मदद
केंद्र सरकार ने कहा, आईआईटी मद्रास ने वर्ष 2023 और 2024 के शहर के हिसाब से डाटा में शीर्ष 1.4 लाख रैंक वालों को शामिल किया। यह परीक्षण यह बताने के लिए काफी था कि क्या किसी शहर या परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थी को गड़बड़ी का लाभ मिला। तथा परिक्षण में साफ़ जाहिर है की ऐसा नहीं हुआ।
किसी शहर या परीक्षा केंद्र को व किसी बच्चे को अधिक अंकों का फायदा नहीं हुआ है, असाधारण अंक नहीं मिले हैं।
लेकिन ये जरूर सामने आया है की बच्चों के अंकों में उछाल आया है।
उछाल की ये रेंज 550 से 720 के बीच है।
NEET Paper Leak नहीं, अधिक अंक की वजह पाठ्यक्रम में कटौती
लेकिन इन अंकों के उछाल के लिए सिलेबस में 25 प्रतिशत तक की कटौती को वजह बताया जा रहा है। इसके अलावा एक बात और है जो NTA के मुताबिक साफ करती है की पेपर लीक नहीं हुआ है।
वो ये है की अधिक अंक पाने वाले कैंडिडेट विभिन्न शहरों, जिलों तथा अलग अलग कोचिंग से हैं जिससे साफ़ यही की अंक मिलने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।
July 3rd week में होगी NEET काउंसलिंग
उच्चतम न्ययालय NTA से आठ जुलाई को ये पूछा की नीट यूजी एग्जाम में अनावश्यक अंक पाने वाले बच्चों के लिए NTA क्या कर रही है। और सिलेक्टेड कैंडिडेट्स की काउंसलिंग कब से शुरू हो रही है?
इसके जवाब में NTA ने कहा की हम जांच पड़ताल कर रहे हैं, तथा कोउन्सल्लिंग जुलाई के तीसरे हफ्ते में शुरू होने जा रही है इसके बीच में भी यही कोई अभ्यर्थी जांच में दोषी पाया जाता है तो उसे बहार किया जा सकता है।
दोषी अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में भी किया जायेगा बाहर
इस तरह से बाहर किये गए अभ्यर्थी की सीट को अगले चरण के अभ्यर्थी को दे दी जाएगी।
केंद्र ने ये भी बताया की जिन अभ्यर्थियों को पहले चरण में सीट मिल चुकी होगी उन्हें अगले चरण में शामिल नहीं किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भविष्य की परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देने के लिए डॉ. के राधाकृषणन की अध्यक्षता में गठित समिति की भी जानकारी दी।
HIGH COURT ने माना पेपर लीक हुआ था
आठ जुलाई को सुप्रीम कूट की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायलय ने कहा की NEET UG का पेपर लीक हुआ था, ये बात सच है।
लेकिन इसकी प्रकीर्ति कैसी थी इसकी जांच चल रही है।
क्युकी पेपर लीक हुआ है ये निश्चय ही चिंता का विषय है लेकिन केवल को अभ्यर्थी इसमें दोषी पाए गए हैं।
इतने छोटे स्तर पर पेपर लीक होने से दोबारा एग्जाम नहीं करवाया जा सकता।
क्युकी इससे लाखों बच्चों को फिरसे जूझना होगा।
केंद्र तथा NTA से कोर्ट ने पूछे तीखे सवाल
सुप्रीम कोर्ट कहा कि “दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के बारे में जानना होगा। आप हमे जल्द से जल्द इसकी जानकारी दें।
ऐसा इसलिए, क्योंकि कोर्ट 23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे हैं।’
उच्चतम न्यायलय ने एनटीए के साथ-साथ केंद्र सरकार से भी सवाल किया था। अदालत ने पूछा था कि इस गड़बड़ी से किन-किन छात्रों को फायदा पहुंचा है, गड़बड़ी कहा से हुई है? यह जानने के लिए क्या कार्रवाई की गई? सबकी रिपोर्ट अदालत में दी जाये।
CBI के पास अबतक 6 FIR
पेपर लीक मामले में CBI के पास अबतक 6 FIR दर्ज हो चुकी है। इसमें बिहार का तो पेपर लीक मामला है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र से शेष प्राथमिकी फर्जी उम्मीदवार और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
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