Hathras Satsang Accident
Hathras Satsang Accident; उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ में करीब 150 लोगों के मरने की पुस्टि हुई है , दरअसल दो जुलाई को बाबा का सत्संग था जिसमे हजारों की संख्या में लोग इकठे हुए थे। एक्सीडेंट की वजह जानने के लिए हाथरस के डीएम ने मामले की जांच करने का जिम्मा जिले के एसडीएम को सौपा है।
एसडीएम के जांच के मुताबिक बाबा के ब्लैक कंमांडो और सेवादारों की दक्का मुक्की की वजह से इतनी बड़ी घटना हुई है।
२ जुलाई को जब सत्संग ख़त्म हुआ और बाबा खड़े हुए तो लोग उनके दर्शन करने के लिए आगे बढे और इतने में ही बाबाजी के सेवा दरों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। जिसकी वजह से लोग बगल सड़क के किनारे गिरने लगे।
बहुत से लोग एक के ऊपर एक गिरने लगे जिसकी वजह से डैम घुटने से लोगों की मौत हो गई।
बहुत बड़ी संख्या में लोग अभी भी घायल हैं।
Hathras Satsang मामला पंहुचा सुप्रीम कोर्ट
घटना के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। और दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगो पर काय्रवाही करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में पांच सदसिये समिति बनाने की मांग की है। तथा उत्तर प्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने की मांग की है।
विशाल तिवारी का ये भी कहना है की ऐसा कोई भी प्रोग्राम करने से पहले एक गाइडलाइन बनानी पड़ती है।
इलाहाबाद के अधिवक्ता गौरव द्विवेदी ने चीफ जस्टिस को एक पार्टीशन भेजा है जिसमे उन्होंने इस दुर्घटना की सीबीआई जांच करने की मांग की है। उन्होंने अनुरोध किया की की पूरे मामले के इस पार्टीशन को जनहित याचिका के तौर पर सुना जाएँ।
Hathras Satsang Accident का पूरा मामला
उत्तर प्रदेश का एक क़स्बा सिकन्द्रराव के पास की एक सड़क एटा को जाती है। उसी रोड पर बसा एक गांव है फुलरई।
फुलरई में बाबा का एक सत्संग हो रहा था। सत्संग के बाद जब काफिला निकलने लगा उसी समय लोग भी निकलने लगे।
भीड़ इतनी बढ़ गई की वहां के बाबा के सेवादार और कमांडो एक साइड भीड़ को रोकने लगे जिसकी वजह से लोग एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे और दबने की वजह से लोगों की मौत हो गई।
मृत लोगों में अधिकतर लोग हाथरस और एटा के हैं।
व्यवस्था की गलती
लोगों के मरने की वजह व्यवस्था की कमी है। जब सत्संग खत्म हुआ उस समय भीड़ को रोकने के पहले से कोई इंतेज़ाम नहीं था। न ही कोई पहले से सुचना थी की लोग आराम से धीरे धीरे निकले । जब भीड़ बेकाबू होकर गड्ढे में गिरने लगी तो लोग डर से और लोगों को कुचल कर भागने लगे।
लोगों ने बताया हाथरस का आँखों देखा हाल
जब हाथरस में लोगों की चीख पुकार की आवाजे आने लगी तो मदत के लिए पहुंचे ओके के लोगों ने बताया वो बहुत ही दर्दनाक है।
एटा रोड पर जा रहे कुछ लोगों ने संवादाताओं से बात की उन्होंने बताया की हम जैसे ही मदद के लिए वहां पहुंचे दृश्य बहुत डरावना हो चुका था।
उन्होंने बताया हम लोगों को कीचड़ में से निकलकर उन्हें मुँह से ऑक्सीजन दे रहे थे , छाती पर दबाव डाल रहे थे पर किसी पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।
लोगों के आँख, नाक, मुँह में कीचड़ इतना घुस चुका था की लोगों का दम घुट गया था।हम कितना भी ट्रीटमेंट करने की कोशिश करते पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।
लोगों के मुँह नाक में कीचड़ घुस चुका था
जो लोग भी किसी प्रकार के वाहन से आये थे मदद करने के लिए, वो कुछ लोगों को निकाल कर हॉस्पिटल पहुंचा रहे थे।
उसके बाद फिर वापस आकर कुछ और लोगों को कीचड़ से निकाल कर हॉस्पिटल पंहुचा रहे थे।
लोग इतने अधिक थे की ये सिलसिला ख़त्म ही नहीं हो पा रहा था।
लोगों के आँख, नाक, मुँह में कीचड़ इतना घुस चुका था की लोगों का दम घुट गया था।
भगदड़ में खोये लोग पहले अपने परिवार जनों को ढूंढ रहे थे, उसके बाद साथ आये लोगों की तलाश कर रहे थे।
लोग काफी डरे हुए थे, हर तरफ बहुत खौफनाक दृश्य हो गया था।
संवादाता से बात करते हुए लोगों ने अपनी अपनी कहियाँ बताई हैं। यहाँ कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिनके घर से केवल एक या दो लोग बचे हुए हैं। बाकि सब घटना के शिकार हो चुके हैं।